पहलवान अंशु के लिए तोक्यो ओलिंपिक भले ही यादगार नहीं रहा हो लेकिन उसके ठीक दो महीने बाद इस प्रतिभावान पहलवान ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में पहुंचकर खुद को साबित करने की कोशिश की, लेकिन फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश करने वाली वह पहली भारतीय महिला और दूसरी पहलवान बन गयी है इस से पहले 2010 में सुशील पहलवान यहाँ पहुंचने में कामयाब रहे थे और वर्ल्ड चैंपियनशिप का ख़िताब अपने नाम किया था |
अंशु मलिक ने अपने सभी मुकाबलों में जबरदस्त खेल दिखाया है उन्होंने उक्रैन की पहलवान Uropion चैंपियनशिप की सिल्वर मेडलिस्ट Solomiia VYNNYK को एकतरफा 11-0 से हराकर इस खिताबी मिक़बले में प्रवेश किया था यहाँ भी ओलिंपिक के बाद एल्बो की चोट से जूझते हुए अंशु मलिक ने ओलिंपिक चैंपियन और वर्ल्ड चैंपियन के खिलाफ जबरदस्त खेल दिखाया पहला हाफ 1-0 से अंशु मलिक के नाम रहा हालाँकि कुश्ती में एक दो अंक बढ़त कोई मायने नहीं रखती उसके बाद दूसरे हाफ में USA की पहलवान ने मैच के दो मिनट शेष रहते 4 अंक बटोरे और आखिरी में बाई फॉल से USA की पहलवान ने मुकाबले में जीत हासिल की और एक बार फिर से विश्व चैंपियन का ख़िताब अपने नाम किया |

..भारतीय महिलाओं का सबसे अच्छा प्रदर्शन
भारतीय महिला पहलवानो का विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस से पहले भारत के लिए 2012 में फोगाट बहनों ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीते थे और आजतक के सभी मैडल की बात करे तो अलका तोमर ने 2006 में , गीता फोगाट 2012 में , बबिता फोगाट 2012, पूजा ढांडा 2018 और विनेश फोगाट 2019 में ये महिला पहलवान विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं।
..बाकी मुकाबलों का हाल
72 किलोग्राम में दिव्या काकरान को सुबह के सत्र में अपने रेपेचेज मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा । उन्हें मंगोलिया की दवानासन एंख अमर ने हराया। ग्रीको रोमन पहलवानों ने एक बार फिर निराशाजनक प्रदर्शन किया जो हैरानी भरा नहीं है। संदीप 55 किग्रा, विकास 72 किग्रा, साजन 77 किग्रा और हरप्रीत सिंह 82 किग्रा प्रतियोगिता से बाहर हो गए। इन पहलवानो में से सिर्फ साजन पहलवान एक मुकाबला जीतने में सफल रहे जबकि अन्य तीन पहलवान अपना पहला मुकाबला ही हार गए।