चलिए दोस्तों आज बात करते है उन 8 पहलवानो की जिन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में क्वालीफाई किया है जिसमे से 6 पहलवानो ने पहले ही अपनी जगह पक्की कर ली थी और अन्य दो पहलवान हाल ही में जुड़े है जिसमे से एक हैं सुमित मलिक 125 किलोग्राम भार वर्ग के और वही एक महिला पहलवान है जिसका नाम है सीमा बिस्ला | इन दोनों पहलवानो ने हाल ही में सोफिया में हुयी वर्ल्ड ओलम्पिक क्वालीफायर में अच्छा प्रदर्शन कर ओलिंपिक कोटा हासिल किया है |
Indian Wrestlers Qualified for Tokyo Olympics आइये जानते है इनके बारे में खास बाते |

1. बजरंग पुनिया : दोस्तों बजरंग पुनिया और उसकी उपलब्धियों के बारे में तो आप जानते ही होंगे और इस समय उन्हें ओलिंपिक में गोल्ड का दावेदार माना जा रहा है और सबको उम्मीद है वो देश को ओलिंपिक में गोल्ड जरूर दिलाएंगे | दोस्तों ये उम्मीद कहने से नहीं हुयी है ये इन्होने करके दिखाया है अब तक बीते चार पांच सालो में उन्होंने ऐसे ऐसे बड़े पहलवानो को हराया है जिनकी हारने की हम उम्मीद भी नहीं कर सकते और आपको बता दे बजरंग अपने भार वर्ग में वर्ल्ड की नंबर-1 रैंकिंग पर है तो चिंता मत कीजिए अबकी बार गोल्ड हमारा है |

2. विनेश फोगाट : फोगाट बहनो में से मैडल लाने की सुरुवात तो गीता फोगाट ने की थी पर उस नाम को आज तक किसी ने भारतीय कुश्ती में जिन्दा रखा है तो वह पहलवान विनेश फोगट ही है जिन्होंने पिछली बार रियो ओलिंपिक में भी क्वालीफाई किया था पर खराब किस्मत ओर एंकल की चोट ने देश की उमीदो पर पानी फेर दिया और विनेश फोगाट को रियो ओलिंपिक से खुद को बहार करना पड़ा | अबकी बार हमे पूर्ण उम्मीद है पिछले ओलम्पिक की मैडल की उम्मीद को वो अबकी बार जरूर पूरा करेंगी | इन्हे 2019 में Best Sports Women Of The Year का पुरुस्कार भी मिल चूका है और आपने भार वर्ग में वर्ल्ड की नंबर-1 रैंकिंग पर है | दोस्तों विनेश फोगाट ने अपनी इंटरनेशनल मैडल की सुरुवात 2009 में की थी | उन्होंने 2009 में पहली बार भारत को इंटरनेशनल मैडल दिलाया और उसके बाद एक के बाद एक मैडल लाकर देश को दिए 2018 में एशियाई खेलो में गोल्ड, कॉमन वेल्थ में गोल्ड और हाल ही में काजिकिस्तान में आयोजित एसियन चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल हासिल किया

4. सोनम मलिक : दोस्तों सोनम मलिक की कुश्ती जिंदगी से हर एक पहलवान या किसी भी अन्य खेल का खिलाड़ी हो उसको सीखना चाहिए की हमे जिंदगी में किसी भी कीमत पर हार माननी चाइए और परिस्थितिया जैसी भी हो उनसे लड़ना चाहिए | दोस्तों साल था 2017 कैडेट वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप से अपना पहला गोल्ड जित कर लोटी सोनम को उनके कंधे में लगी चोट से तकलीफ होने लगी थी सोनम अपने हाथ से ना कुछ उठा सकती थी ना मजबूती से पकड़ सकती थी और बाद में डॉक्टर ने बोल दिया की अब ये हाथ Paralize हो गया है वह कभी कुश्ती नहीं खेल पाएंगी घर के इतने आर्थिक हालत अच्छे थे नहीं की कही अच्छे डॉक्टर को दिखा सके पर फिर भी सोनम ने और उसके पिता ने हार नहीं मानी और 6 महीनो में ही देसी इलाज के तहत फिर से सोनम का हाथ ठीक हो गया हाथ ठीक होते ही सोनम ने अगले साल कैडेट वर्ल्ड चम्पियनशिप में ब्रोंज मैडल और उसके बाद फिर से वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीता | सोनम अब तक भारत की सभी नामी पहलवानो को हरा चुकी है पिछले ओलिंपिक की ब्रोंज मेडलिस्ट साक्षी मलिक को भी सोनम ने आसानी से हरा दिया था | तो अब सभी की नजर सोनम के ओलिंपिक प्रदर्शन पर टिकी है |

3. दीपक पुनिया : बात करे दीपक पुनिया वह बजरंग पुनिया की तो एक जैसा Sirname और एक जैसे ही बड़े बड़े कारनामे इतनी छोटी उम्र में इतना बड़ा मुकाम हासिल करना कोई आम बात नहीं है पर इस पहलवान ने जूनियर में सीनियर में वर्ल्ड चैंपियन बन ये कारनामा कर दिखाया और बहुत वर्षो बाद देश को 87 किलोग्राम की वेट केटेगरी में ओलिंपिक मैडल का परफेक्ट दावेदार खिलाड़ी मिला है | इनसे भी देश को बहुत उम्मीद जताई जा रही है और हमे इनके अब तक के खेल को देखते हुए लग रहा है ये जरूर देश के लिए मैडल लेकर आएंगे | बात करे वर्ल्ड रैंकिंग की तो हाल ही में काजिकिस्तान में आयोजित एसियन चैंपियनशिप में ईरान के पहलवान से फाइनल मुकाबले में हरने के बाद नंबर-2 पायदान से 18 पॉइंटो के साथ नंबर-4 पर पहुंच गए है | हालाँकि इस से उनकी परफॉरमेंस पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है |
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5. अंशु मलिक :हरियाणा के जींद जिले के निडानी गांव की रहने वाली पहलवान अंशु मलिक हाल ही में काजिकिस्तान में आयोजित एशियाई गेम्स में गोल्ड मैडल हासिल किया और वर्ल्ड में 57 किलोग्राम भारवर्ग में सबसे ज्यादा 26 पॉइंट के साथ नंबर-1 पायदान पर बानी हुई है | अंशु मलिक ने पिछले वर्ष दिल्ली में आयोजित एसियन चैंपियनशिप में ब्रोंज मैडल जीता और उसी वर्ष सर्बिआ में आयोजित वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मैडल देश को दिलाया |

6. रवि दहिया : 23 वर्ष के पहलवान रवि दहिया 45 पॉइंटो के साथ वर्ल्ड रैंकिंग में चौथे पायदान पर बने हुए है | रवि दहिया ने 57 किलोग्राम भार वर्ग हल ही में काजिकिस्तान में आयोजित एशियाई खेलो में फाइनल में ईरान के पहलवान को 9-4 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया | आपको बता दू ईरानी पहलवानो का कुश्ती जगत में बड़ा नाम है उनको हराना इतना आसान नहीं होता है पर रवि कुमार दहिया ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में मैडल जित कर और अब एशियाई खेलो में गोल्ड मैडल जित अपनी एक अलग पहचान बनायीं है |

7. सीमा बिस्ला : दोस्तों 29 वर्षीय पहलवान सीमा बिस्ला हाल ही में सोफ़िया में आयोजित वर्ल्ड रेसलिंग ओलम्पिक क्वालीफायर में अच्छा प्रदर्शन कर ओलम्पिक कोटा हासिल किया खुसी की बात ये रही की इस महिला पहलवान ने अपने सभी मुकाबलों में एक तरफ़ा जीत हासिल कर गोल्ड मैडल अपने नाम किया | सीमा बिस्ला का पहला पहला सीनियर नेशनल मैडल 2017 में आया और पहला इंटरनेशनल मैडल उनका ब्रोंज मैडल था जो एसियन रेसलिंग चैंपियनशिप में आया था | बात करे वर्ल्ड में रैंकिंग की तो इनकी वर्ल्ड में 14 पॉइंट के साथ सातवीं रेंक है |

8. सुमित मलिक : भारत के भारी भरकम पहलवानो में से एक पहलवान सुमित मलिक जो कई सालो से इस सीनियर 125 किलोग्राम की केटेगरी में लगातार अच्छा प्रदर्शन करता आया है उसी का नतीजा है की उन्हें एक बड़े लम्बे सफर के बाद इस साल टोक्यो ओलिंपिक में जाने का मोका मिला | दोस्तों सुमित मलिक ने अपनी 13 वर्ष की छोटी सी उम्र में कुश्ती की सुरुवात की थी | जब वह छोटे थे तो अपनी माँ के देहांत के बाद अपने चाचा के पास दिल्ली चले गए उनके चाचा भी एक पहलवान थे जो छतरसाल स्टेडियम दिल्ली में कुश्ती का अभ्यास करते थे उनको देख सुमित ने भी अखाड़े में जाना सुरु कर दिया और वही से संघर्ष सुरु हुआ सुमित मलिक से ओलम्पियन सुमित मलिक बनने का | सुमित मलिक कई बार के नेशनल चैंपियन है और उन्होंने 2017 में कॉमन वेल्थ चैंपियनशिप और एसियन चैंपियनशिप में में सिल्वर मैडल जीता और उसके अगले ही साल 2018 में कॉमन वेल्थ गेम में गोल्ड मैडल अपने नाम किया |